एक प्रसिद्ध समाज सुधारक स्वामी विवेकानंद
उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये।
खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप हैं।
दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।
एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।